Name / नाम - Naresh jain

Email ID / ईमेल आयडी - Nareshjain712@yahoo.com

Country / देश - India

Gender - Male

Subject / विषय - साई बाबाजी बड़े दयालु है और भक्तों को कभी निराश नही करते. मेरा तो ये अनुभव है कि शायद ही कोई दूसरा परमात्मा होगा इस कलयुग में जो इतनी तेजी से से बाबाजी कि तरह इंसान के दुखों को दूर करता हो.

Introduction / परिचय - में गणित पढ़ाता हु और एक व्यवसायी भी हु. 

Your Experience / तुम्हारा अनुभव -


लगभग आज से ५ साल पहले कि बात है. मेरे २ विद्यार्थी जो 10th में पड़ते थे,वो पड़ने में साधारण थे. मेरे पास 8th कक्षा से पढ़ते थे और अक्सर ५० से ७० के बीच उनके मार्क्स आते थे. गणित में. पर इस बार उन्होंने 10th के बोर्ड कि परीक्षा देनी थी तो मैंने उनसे बहुत मेहनत करवाई और परीक्षा से एक दिन पहले उनको मार्गदर्शन करते हुए कहा कि इस बार तुम दोनों को पुरे पुरे नंबर लेन परीक्षा में और  अगर तुम दोनों चाहो तो आज कि रात एक साथ पढ़ सकते हो, तुममे से कोई भी दूसरे के घर आ जाये. उससे से ये फायदा होगा कि तुम लोग ज्यादा देर तक पद सकोगे और revise कर सकोगे एक साथ. परन्तु रात को कम से कम 3hrs तो  सोना जरूरी है, ये बात याद रखना.

परन्तु वो दोनों पूरी रात पढ़ते रहे और एक मिनट भी नहीं सोये और अगले दिन परीक्षा में उन्हें नींद आने लगी और कुछ समज ही नही आ रहा था उन्हें कि वो क्या कर रहे है और क्या पढ़ रहे है. क्योंकि उनका ये पहला अनुभव था पूरी रात को जागकर पढ़ाई करने का. इसलिए मेरे एक छात्र ने केवल २१ नंबर का पेपर पूरा किया तो दूसरे ने केवल २८ नंबर का. इसलिए उनके मार्क्स २१ और २८ से ऊपर तो किसी भी हालत में नही आ सकते थे, बल्कि इसमें जो गलतिया होंगी उनके मार्क्स काटकर २१ और २८ से कम ही आने थे. 

मैंने गुस्से में आकर उनकी टेंशन में उनको बहुत डांटा तो वो रोने लगे. तो मैंने उनको प्यार से धीरज बंधाया कि चिंता मत करो तुमने मूर्खतापूर्ण काम किया है परन्तु अच्छाई के लिए तो साई बाबाजी भी तुमे निराश नही होने देंगे और तुम दोनों के मार्क्स ५० मार्क्स से ऊपर ही आयेंगे. उसके बाद में  लगातार साई बाबाजी से २ महीने तक प्रार्थना करता रहा और उनकी पूजा कि. और हर गुरूवार साई बाबाजी का व्रत रखा. और फिर २ महीने बाद वो शुभ घडी आ ही गयी जब उनकी कृपा देखकर में  आश्चर्यचकित हो गया कि इस कलयुग में भी चमत्कार होता है और मुझे ज्यादा ख़ुशी ये नही थी कि उन्होंने कृपा कि बल्कि ये हुई कि में  भी उनकी कृपा पाने का हकदार हुआ . क्योंकि रिजल्ट भी मैंने पहले अपने एक दूसरे छात्र को देखने के लिए कहा था और जब उसने बताया कि जिसने २१ का पेपर किया था उसके ५९ मार्क्स है  और जिसने २८ का किया था उसके ५५ है तो तब मैंने रिजल्ट देखा और में इतना भाव-विभोर हो गया कि मैंने वहाँ जितने भी लोग थे उन सभी को सच्चाई के बारे में बताया और बाबाजी कि कृपा और आर्शीवाद के बारे में. सचमुच मुझे वास्तविक में इतना बड़ा विश्वास नही था जितना बड़ा आर्शीवाद और प्यार साई बाबाजी ने मुझे जैसे नाचीज़ को दे दिया.


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