व्रत के नियम


साई बाबा जी का व्रत कोई भी कर सकता पुरुष - स्त्री- बच्चे |

साई बाबा जी का व्रत कोई भी व्यक्ति बिना जाती -  पाती भेद भाव से कर सकता है |

साई बाबा जी का यह व्रत बहुत चमत्कारी है , इस व्रत को आप १ , ९ , ११ अथवा २१ दिन तक करने से आपको फल प्राप्ति जरूर होगी ।

साई बाबाजी के व्रत कि सुरुवात गुरूवार से कीजिए ।  जी कार्य के लिए साई बाबा जी का व्रत किया है  उसके लिए साई बाबा जी से सच्चे मन से प्रार्थना करे |

साई बाबा व्रत के लिए एक पिला कपड़ा आसम पर रखकर उसपर साईं कि तस्वीर रख के उस तस्वीर को स्वच्छ पाणी से पोंछकर उस तस्वीर को चन्दन और कुंकुम  का तिलक लगना चाहिए और तस्वीर को पिला फूल का हार चढ़ाकर प्रसाद में किसी भी प्रकार कि मिठाई या शक्कर रखकर उसे भक्तो प्रसाद के स्वरुप में बाँट दे ।

साई बाबा जी का व्रत फलाहार लेकर किया जाता है जैसे दूध , फल , मिठाई ,चाय आदि लेकर अथवा एक समय का भोजन करके किया जा सकता है । उपवास भूखे पेट मत कीजिये |

साई व्रत में हर गुरूवार को किसी भी साई बाबा मंदिर में जाकर साई बाबा का दर्शन ले । अगर आपके यहाँ मंदिर ना हो तो घर ही साई कि प्रार्थना करे ।

यदि किसी कारन वश गुरुवार को कहीं बाहर जाना हो तो साई व्रत को नियमनुसार सुचारू रखना चाहिए|

यदि किसी कारण वश किसी गुरुवार साई व्रत ना कर पायें तो उस गुरुवार को गिनती में ना लेते हुए  मन में किसी प्रकार की शंका ना रखते हुए, अगले गुरुवार से व्रत जारी रखें| मन्नत माने हुए गुरुवार पूरे कर साई व्रत का उद्यापन  करें|

एक बार मन्नत अनुसार साई व्रत पूर्ण करने के बाद फिर मन्नत कर सकते हैं, और फिर साई  व्रत कर सकते हैं|




उद्यापन विधि


साईबाबा व्रत उद्यापन के ९ वे गुरूवार को गरीब भूखे लोगो को खाना खिलाना

साई बाबा व्रत कि किताबे अपने सगे-सम्बन्धी यो को बाटना । और उन्हे साई व्रत कि महिमा बताना |

9 वे गुरूवार को जो साई व्रत कि किताबे भेट देनी है उनको पूजा में रखिए और बाद में ही भेट दे  जिससे आपकी एवं अन्य व्यक्तियों की भी मनोकामना पूर्ण हो उपरोक्त विधि से व्रत करने से एवं विधिपूर्वक उद्यापन करने से निश्चित हो आपकी मनोकामना पूर्ण होगी ऐसा साईं भक्तो का विश्वास है



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