Name / नाम - Nishant Sharma
Email ID / ईमेल आयडी - iampossible6789@hotmail.com
Country / देश -india
Gender - Male
Subject / विषय - अगर श्रद्धा मन में हो तो बाबा साक्षात दर्शन देते है !!
Introduction / परिचय - में निशांत शर्मा,२४, दिल्ली का रहने वाला.
बाबा में अतूट श्रद्धा रखता हु. एक अलग ही लगाव है बाबा के संग.आज भी में 23rd jan,2014 बाबा के दर पर झेलूम एक्सप्रेस से जा रहा हु. अपना ६ साल पुराना अनुभव निचे शेयर कर रहा हु.
ये बात करीब ६ साल पुराणी जून २००८ कि है. में करीब १८ साल का था. बाबा पर मेरा अतुट विश्वास, और उनकी शक्ति पर भरोसा था, हर गुरूवार लोधी रोड साई मंदिर जाना दिन चर्या का हिस्सा था.
अचानक २००८ में मुझे बाबा का दर्शन लेने का मौक़ा मिला. चार दोस्तों के साथ शिर्डी में आने का प्रोग्राम बनाया.
बिना पापा से पूछे मैंने हां कर दी. पापा के सौ बार मना करने के बाद भी मैंने उनकी बात नहीं मानी और जैसे तैसे घर से निकल गया.
हम शिर्डी पहुंचे १ दिन में बाबा कि ४ आरती हमने ली और वापसी के लिए जब हैम कोपरगाव पहुंचे तो ट्रैन ४ घंटा देरी से थी. हमने वहा डेरा डाला और बैठ गए.
इतने में वह एक अपंग फ़ख़िर आया और पैसे कि मदत मांगने लगा. मैंने जेब से उसे २ रु देने चाहे तो वह बोला कि में ५ रु लूंगा, मैंने उसे मना कर दिया. क्षणभर में मैंने डाए पलट कर देखा तो बिलकुल साई बाबा कि कफनी पहने मैंने एक बाबा को खड़े देखा और मैंने बाबा को वो २ रु दे दिए तभी वो अपांग फाखिर कुछ ना कुछ बोलने लगा, तभी बाबा ने मेरे दिए वो २ रु उस अपांग फाखिर को दे दिए और वह से बिना कुछ बोले और मांगे वहाँ से चले गए.
और अगर बात करू उस बाबा कि छवि कि तो बिलकुल साई बाबा कि तरह सर पर वही रुमाल , धोती कुर्ता सब साई बाबा जैसे ही. उस व्यक्त हम मस्ती करते हुए वह से चले गए.
हम सब दोस्त ट्रैक पर एक बिल्ली के बच्चे केसाथ खेलने लगे. जब अचानक ट्रैक २ पर हमारी नज़र गयी तो हमने देखा कि वह बाबा ४-५ लोगो के ग्रुप में आग जलाकर खाना बना रहे थे. जैसे साई बाबा खाना बना रहे थे वैसे ही वह बाबा खाना बना रहे थे. नज़र पटकर जैसे ही मैंने ही फिरसे प्लॅटफॉर्म पर चढा और पलटकर देखा तो अचानक वह बाबा गायब हो गए ना वह मुझे आग दिख रही थी ना वह लोग सब अचानक एक सपने जैसा वहाँ से गायब हो गया.
बहुत अदभुत और भरोसा न करने वाला दृश था में निशब था. पता नहीं क्या वो सच्च था या मेरा भरम था परन्तु मेरे लिए वो लम्हां बहुत आनंदायी था. और तब से मेरा बाबा पर विश्वास और बढ़ गया. बीते ३ महीनो में ये मेरा बाबा के दर पर दूसरा चक्कर है. बस में तो बाबा के दर पर बार बार माथा टेकना चाहता हु.
ॐ साई राम
Email ID / ईमेल आयडी - iampossible6789@hotmail.com
Country / देश -india
Gender - Male
Subject / विषय - अगर श्रद्धा मन में हो तो बाबा साक्षात दर्शन देते है !!
Introduction / परिचय - में निशांत शर्मा,२४, दिल्ली का रहने वाला.
बाबा में अतूट श्रद्धा रखता हु. एक अलग ही लगाव है बाबा के संग.आज भी में 23rd jan,2014 बाबा के दर पर झेलूम एक्सप्रेस से जा रहा हु. अपना ६ साल पुराना अनुभव निचे शेयर कर रहा हु.
अचानक २००८ में मुझे बाबा का दर्शन लेने का मौक़ा मिला. चार दोस्तों के साथ शिर्डी में आने का प्रोग्राम बनाया.
बिना पापा से पूछे मैंने हां कर दी. पापा के सौ बार मना करने के बाद भी मैंने उनकी बात नहीं मानी और जैसे तैसे घर से निकल गया.
हम शिर्डी पहुंचे १ दिन में बाबा कि ४ आरती हमने ली और वापसी के लिए जब हैम कोपरगाव पहुंचे तो ट्रैन ४ घंटा देरी से थी. हमने वहा डेरा डाला और बैठ गए.
इतने में वह एक अपंग फ़ख़िर आया और पैसे कि मदत मांगने लगा. मैंने जेब से उसे २ रु देने चाहे तो वह बोला कि में ५ रु लूंगा, मैंने उसे मना कर दिया. क्षणभर में मैंने डाए पलट कर देखा तो बिलकुल साई बाबा कि कफनी पहने मैंने एक बाबा को खड़े देखा और मैंने बाबा को वो २ रु दे दिए तभी वो अपांग फाखिर कुछ ना कुछ बोलने लगा, तभी बाबा ने मेरे दिए वो २ रु उस अपांग फाखिर को दे दिए और वह से बिना कुछ बोले और मांगे वहाँ से चले गए.
और अगर बात करू उस बाबा कि छवि कि तो बिलकुल साई बाबा कि तरह सर पर वही रुमाल , धोती कुर्ता सब साई बाबा जैसे ही. उस व्यक्त हम मस्ती करते हुए वह से चले गए.
हम सब दोस्त ट्रैक पर एक बिल्ली के बच्चे केसाथ खेलने लगे. जब अचानक ट्रैक २ पर हमारी नज़र गयी तो हमने देखा कि वह बाबा ४-५ लोगो के ग्रुप में आग जलाकर खाना बना रहे थे. जैसे साई बाबा खाना बना रहे थे वैसे ही वह बाबा खाना बना रहे थे. नज़र पटकर जैसे ही मैंने ही फिरसे प्लॅटफॉर्म पर चढा और पलटकर देखा तो अचानक वह बाबा गायब हो गए ना वह मुझे आग दिख रही थी ना वह लोग सब अचानक एक सपने जैसा वहाँ से गायब हो गया.
बहुत अदभुत और भरोसा न करने वाला दृश था में निशब था. पता नहीं क्या वो सच्च था या मेरा भरम था परन्तु मेरे लिए वो लम्हां बहुत आनंदायी था. और तब से मेरा बाबा पर विश्वास और बढ़ गया. बीते ३ महीनो में ये मेरा बाबा के दर पर दूसरा चक्कर है. बस में तो बाबा के दर पर बार बार माथा टेकना चाहता हु.
ॐ साई राम
Om Sairam Jai Sairam
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ReplyDeleteom sai ram
ReplyDeleteOm sai ram!!
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